हिन्दी विभाग शिवाजी कॉलेज का एक बहुप्रतिष्ठित विभाग है। जिसमें स्नातक(बी.ए.) और स्नातकोत्तर (एम.ए.) स्तर पर अध्यापन कार्य होता है। स्नातक स्तर पर विभाग विश्वविद्यालयी योजना से अनुमोदित-हिन्दी कविता(आदिकाल एवं निर्गुणभक्ति काव्य), हिन्दी साहित्य का इतिहास (आदिकाल एवं मध्यकाल), हिन्दी कहानी, हिन्दी का वैश्विक परिदृश्य, हिन्दी भाषा और साहित्य का इतिहास आदि प्रश्नपत्र प्रस्तावित करता है। विभाग की एक साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था - ‘साहित्य संगम’ है, जो वर्ष भर छात्रों को विविध साहित्यिक गतिविधियों के आयोजन, प्रतिभागिता और साहित्य के विविध आयामों के प्रति प्रोत्साहित करती है। विभाग के कई प्राध्यापक शोध गतिविधियों , शोध प्रोजेक्ट से जुड़े रहे हैं। वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के कई शोधार्थियों का निर्देशन कर रहे हैं। विभाग आगामी अकादमिक सत्र में अनुवाद विषय पर एक ऐड ऑन पाठ्यक्रम आरंभ करने की योजना बना रहा है। हिन्दी विभाग की विपुलता का मानदंड है कि वर्तमान प्राचार्य प्रोफ़ेसर वीरेंद्र भारद्वाज जी विभाग के पूर्व छात्र रहे फिर यहाँ अध्यापक नियुक्त हुए और वर्तमान में कुशल प्रशासक की भूमिका निभाते हुए प्राचार्य पद पर सुशोभित हैं और निरंतर सांस्थानिक सफलता के नए प्रतिमान रच रहे हैं। इस विभाग ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विविध महाविद्यालयों को कुशल प्राध्यापक, मनोरंजन जगत को मंजे हुए कलाकार, देश को श्रेष्ठ ज़िम्मेदार नागरिक दिये हैं । टेलीविज़न पर धूम मचाते मनोरंजन जगत के मामाजी श्री परितोष त्रिपाठी भी इसी विभाग का हिस्सा रहे। पिछले अकादमिक वर्ष में पूरे दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी में सर्वाधिक अंक प्राप्त कर स्वर्णपदक विजेता बने श्री देवेंद्र सिंह इसी विभाग के विद्यार्थी रहे। विभाग के कई प्राध्यापक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में भारत सरकार की ओर से प्रतिष्ठित सांस्कृतिक राजदूत की भूमिका निभा चुके हैं। वैश्विक अनुभवों से युक्त शिवाजी कॉलेज, दिल्ली विश्विद्यालय का हिन्दी विभाग पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पबद्ध है।